कांग्रेस का संबंध सनातन संस्था से जोडना, राजनीतिक दुष्प्रचार !
चुनाव के राजनीतिक कीचड में हिन्दू धर्म का प्रचार करनेवाली सनातन संस्था को धकेलने का कुछ लोग जानबूझकर प्रयत्न कर रहे हैं । सनातन संस्था से किसी प्रकार का संबंध नहीं, ऐसे भंडारी समाज के अध्यक्ष श्री. नवीनचंद्र बांदिवडेकर को लक्ष्य बनाने के लिए सनातन संस्था का उपयोग किया गया । श्री. बांदिवडेकर को कांग्रेस पार्टी ने रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया है । इसके पश्चात, कुछ समाचार वाहिनियों ने उन्हें ‘सनातन का समर्थक’, तो कुछ ने सीधे ‘सनातन संस्था, कोकण के न्यासी’ बता दिया । परंतु, इस विषय में न तो कोई प्रमाण दिया गया और न सनातन संस्था को अपना पक्ष रखने का अवसर ही दिया गया । इन असत्य समाचारों का प्रसारक कौन है, यह पता लगाना आवश्यक है । राजनीतिक स्पर्द्धा में सनातन संस्था का उपयोग किया गया है । इस दुष्प्रचार पर हिन्दू समाज विश्वास न करे, यह आवाहन सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने आज किया है ।
जिहादी आतंकवादियों को ‘ओसामाजी’, ‘हाफिज साहब’ और ‘मसूद अजहरजी’ कहने वाली कांग्रेस पार्टी का संबंध हिन्दुत्व का कार्य करने वाली सनातन संस्था से जोडना, हिन्दुत्व का अपमान है । इसलिए, हम इसकी कडी-से-कडी निंदा करते हैं । भगवा आतंकवाद को सिद्ध करने के लिए सनातन संस्था को अनेक प्रकरणों में फंसा कर बदनाम करने वाली और उसे समाप्त करने का प्रयास करने वाली कांग्रेस पार्टी का समर्थन सनातन संस्था कर रही है, यह समाचार पूर्णतः असत्य और हास्यास्पद है । देश को पिछले ७० वर्षों में रसातल में पहुंचाने वाली कांग्रेस पार्टी का समर्थन सनातन संस्था कभी नहीं कर सकती । सनातन संस्था राजनीतिक कार्य नहीं करती, हिन्दू धर्म का प्रचार करती है । इसलिए, हम केवल भगवान के समर्थक हैं और भगवान ही हमारा रक्षक है ।
अधिवक्ता नवीन चोमल को सनातन संस्था का प्रवक्ता बताने के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही !
सनातन संस्था के विरुद्ध दुष्प्रचार करने वाले अधिवक्ता नवीन चोमह, इस संस्था के सदस्य भी नहीं हैं । ऐसे व्यक्ति को एक समाचार वाहिनी पर सनातन की ओर से चर्चा में भाग लेते हुए दिखाया गया है । इस वाहिनी को इसके पहले भी अनेक बार लिखित रूप से सूचित किया गया है, फिर भी वे श्री. चोमल को सनातन संस्था का प्रवक्ता, समर्थक, कानूनी सलाहकार होने का झूठा प्रचार लगातार कर रहे हैं । इसलिए, हम उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के लिए अधिवक्ताओं से विचार-विमर्श कर रहे हैं । प्रचार माध्यमों से विनती है कि वे सनातन संस्था के उसी मत को सत्य समझें, जिसे सनातन के प्रवक्ता ने प्रस्तुत किया हो !
सुन्दर कुमार ( प्रधान सम्पादक )