क्या धरती पर घटित होगा कुछ ऐसा
-संदीप महरोलिया – क्रिया प्रक्टिशनर,फिलोसोफेर और गुरु
जिस प्रकार से योग विज्ञान और पाश्चात्य विज्ञान का मानना है कि सम्पूर्ण मानव जाति अथवा पृथ्वी पर रहने वाले जीव जन्तु प्राणी और पेड़ पौधे चाहे वो जल में उत्पन्न होते हों या थल में उत्पन्न होते हो उन सभी का अस्तित्व सौर मंडल की ही देन हैं। जिस प्रकार से जलवायु में बदलाव आ रहे हैं, मानवजाति अपने विकास के छोर पर है, सूर्य में हलचल का होना या न होना, दोनों ही संपूर्ण मानव सभ्यता के लिए एक महत्त्वपूर्ण संदेश होता है।इससे योग विज्ञान अथवा पाश्चत्य विज्ञान दोनों ही सहमत हैं।
योग प्रक्टिशनर फिलॉसफर औऱ गुरु संदीप म्हरोलिया का ये आंकलन है कि जिस प्रकार अभी देखा गया है कि जलवायु में परिवर्तन आ गया है कोरोना वायरस के चलते, और सौर मंडल में हलचल का ठहराव आया है।इससे आशंका ये जताई जाती है कि सौर में कुछ बड़ा बदलाव या तूफान आने वाला है जिससे सौर हवा जिसमे अरबों खरबों ऑटोमिक पार्टिकल होते हैं जो जब पृथ्वी से टकराते है और इससे पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र प्रभावित होता है।
इस प्रकार का सौर तूफान 1859 में आ चुका है। अगर ये तूफान अब आता है तो सम्पूर्ण बिजली के उपकरण खराब हो जाएंगे। अरबो कणो की ये आंधी हर sattelite और गैजेट को खराब कर देगी। अगर इससे पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र प्रभावित होता है तो मानव सभ्यता पर एक बहुत बडा संकट आ जाएगा।
ओजोन परत पर भी प्रभाव पड़ेगा, ग्लेशियर पिघलना शुरू हो जाएंगे, नदियों का जलस्तर बढ़ जाएगा, जलवायु अनियंत्रित हो जाएगी और मानवजाति के लिए बहुत बड़ा संकट उत्पन्न हो जाएगा।
योगविज्ञान कहता है कि मानवजाति को अपने कर्मो का आंकलन करना अतिआवश्यक है।कोरोना वायरस के चलते ओर जालवायु में आते हुए परिवर्तनों के मद्देनज़र कृपया सात्विक जीवन अपनाए ओर जीवन के मुक्तिमार्ग को स्वच्छ बनाए।