गांधी और गोडसे पर आज विस्तृत बहस की आवश्यक्ता
“यदि एक माँ सीता के अपहरण के दोषी रावण का पुतला हर साल जलाया जा सकता है तो करोड़ो हिन्दू महिलाओं की दुर्गति के मुख्य अभियुक्त गाँधी को क्यों क्षमा किया जाये?”
ये प्रश्न शिवशक्ति धाम डासना से अपने शिष्यों के साथ डॉ पूजा शकुन पांडेय जी और उनके कार्यकर्ताओ का समर्थन करने अलीगढ पहुंचे अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने प्रेस वार्ता के माध्यम से उठाया ।
उन्होंने कहा की अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ पूजा शकुन पाण्डेय ने कोई भी गलत कार्य नहीँ किया और शिवशक्ति धाम डासना के सभी सन्यासी उनके साथ हैं । यदि डॉ पूजा शकुन पांडेय को गिरफ्तार किया जाता है तो शिवशक्ति धाम डासना के सन्यासी इसके विरोध में उनके छूटने तक अनशन करेंगे । ये बहुत दुखद है की आज हिन्दू से लोकतान्त्रिक विरोध का अधिकार भी छीना जा रहा है ।
प्रेस वार्ता में शिवशक्ति धाम डासना की महंत और हिन्दू स्वाभिमान की राष्ट्रीय अध्यक्ष यति माँ चेतनानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा की गाँधी और गोडसे के विषय में आज एक विस्तृत सामाजिक बहस की जरूरत है । आज भारतवर्ष की सभी समस्याओं की जड़ में गांधी का हिन्दू विरोधी और मुस्लिम परस्त चिंतन था । उन्ही पर विश्वास करके करोड़ो हिन्दुओ को अपनी जान और हमारी करोड़ो माता बहनों को अपनी इज्जत गवानी पड़ी । राजनीति कुछ भी कहे पर स्वाभिमानी हिन्दू कभी भी गांधी को क्षमा नहीँ कर सकते और न ही अमर बलिदानी पण्डित नाथूराम गोडसे जी को भुला सकते हैं । हमे विश्वास था की पूर्ण बहुमत की बीजेपी सरकार वीर सावरकर जी और अमर बलिदानी पण्डित नाथूराम गोडसे जी को उचित सम्मान देने का कार्य करेगी परन्तु ये हिन्दू समाज का दुर्भाग्य है की गुजराती होना हिन्दू होने से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया और हिंदुत्व के महानायक हाशिये पर धकेल दिए गए ।
यति सत्यदेवानन्द सरस्वती,यति रविंद्रानन्द सरस्वती,स्वामी रुद्रानन्द सरस्वती तथा अन्य यति सन्यासियों ने अपने गुरु को पूर्ण समर्थन देते हुए डॉ पूजा शकुन पांडेय पर कार्यवाही का विरोध किया ।
सुन्दर कुमार ( प्रधान सम्पादक )