जानिये कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी – व्रत
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी – व्रत पूर्णावतार श्रीकृष्ण की कृपा देने वाला है। आज के दिन “श्रीकृष्ण जन्म से लेकर कंस वध तक” की कथा का पठन या श्रवण करना चाहिए।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी – व्रत का फल –
इस व्रत के प्रभाव से सुख सौभाग्य समृद्धि और कार्यक्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है।
समस्त रोगों और पापों से मुक्ति मिलती है।
विशेष –
2 सितंबर रात 8 बजकर 48 मिनिट से रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि का आरंभ होगा।
श्रीकृष्ण का जन्म रात 12 बजे का माना जाता है। इस समय अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों ही रहेगें।
इसलिये जन्माष्टमी (स्मार्त) 2 सितंबर रविवार को ही मनाई जाएगी।
3 सितंबर सोमवार को वैष्णव जन्माष्टमी है।
जिन्होंने वैष्णव गुरु से दीक्षा लेकर शंख चक्र गोदना धारण किया है केवल वे ही लोग वैष्णव है। शेष सभी स्मार्त है।
सर्वेश गुरुजी
(डॉ. सर्वेश्वर शर्मा, उज्जैन)