जानिये क्या हुआ धर्म संसद में
वर्तमान में हिन्दुओं की भयावह स्थिति पर गम्भीर चिंतन करने के लिये जगदम्बा महाकाली डासना वाली के परिवार के आह्वान पर गुरुग्राम के सेक्टर 10 A स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में दो दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ हुआ । धर्म संसद में देश के कोने कोने आये संत महात्मा और हिन्दू कार्यकर्ताओ ने भाग लिया ।
धर्म संसद के उद्देश्य को सबके सामने रखते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने पूरे देश में हिन्दुओ पर हो रहे अत्याचारों को सबके सामने रखते हुए बताया की हिन्दुओ के कायर नेताओ के कारण हिन्दू अपने आजादी को सौ साल भी सुरक्षित नही रख सके । लगभग हजार साल के संघर्ष और अगणित बलिदानों के बाद हमारे पूर्वजों ने हमे आजादी दिलवाई जो हमारे राजनैतिक सिस्टम की विफलता के कारण अब खोने के कगार पर है । झूठे नेताओ के प्रपंच का शिकार होकर हमारे धर्म गुरुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हमे विश्वगुरु बनाने के झूठे सपने दिखाये जबकि सत्य तो ये है की संपूर्ण हिन्दुओ के विनाश के बाद बनने वाला इस्लामिक भारत ही पूरी दुनिया का गुरु होगा और इसके लक्षण अब पूरी तरह से स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं । आज पुरे विश्व में आतंकवाद फैलाने वाले सबसे बड़े इस्लामिक मदरसे भारत में हैं और भारत के राजनैतिक तंत्र में इतनी हिम्मत नही है की उनकी ओर देख भी सके । हिन्दू नेताओ की कायरता से सम्पूर्ण भारतवर्ष अब इस्लामिक गुलामी में जाने के लिये तैयार है । आज यह खतरा केवल भारतवर्ष के लिये नहीँ है बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिये है । हिन्दू बाहुल्य भारत तो विश्वगुरु नही बन सका परन्तु मुस्लिम भारत वास्तव में इस्लामिक जिहादी आतंकवाद का विश्वगुरु बनेगा और भारत की उर्वरा भूमि और अतुल्य सम्पदा के बूते पर सम्पूर्ण विश्व और मानवता के लिये सबसे बड़ा खतरा बनेगा ।
धर्म संसद के मुख्य वक्ता जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा की वास्तव में हिन्दू समाज के भारतवर्ष में घटते हुए जनसँख्या अनुपात ने सम्पूर्ण मानवता के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर दी । यदि भारतवर्ष में मुस्लिम जनसँख्या का विस्फोट थमा नही तो वो दिन दूर नही जब भारतवर्ष गृहयुद्ध में गर्क होकर अपनी परमाणु शक्ति के बल पर सम्पूर्ण विश्व को विनाश के कगार पर ले जायेगा । भारत सरकार को इसे लेकर अविलम्ब ठोस कदम उठाने चाहिये और चीन जैसा एक कठोर जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना चाहिये ।
उन्होंने यह भी कहा की भारतवर्ष के हिन्दुओ ने वर्तमान सरकार को कठोर कानून बनाने के लिये पर्याप्त राजनैतिक शक्ति दे दी है परंतु सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल अभी दिखाई नही दे रही है । यदि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चीन जैसा कठोर जनसँख्या नियंत्रण कानून नही बना तो फिर ये कभी नही बन पाएगा और बढ़ती हुई इस्लामिक जिहादियो की संख्या हर चीज को लील लेगी ।
धर्म संसद को संबोधित करते हुए रुड़की से आये जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी जी महाराज ने कहा की सम्पूर्ण हिन्दू समाज की आस्था के प्रतीक भगवान राम का अपनी जन्मस्थली में फटे तिरपाल में रहना हिन्दुओ की दुर्दशा को प्रदर्शित करने में सक्षम है । हिन्दुओ के सभी आस्था के केंद्रों पर विधर्मियो का कब्जा है । हिन्दुओ के पास न तो रामजन्म भूमि है, न ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि और न ही काशी विश्वनाथ । आज हिन्दुओ को गम्भीरता से सोचना चाहिये की उन्हें आजादी से आखिर मिला क्या ?
धर्म संसद में इन प्रमुख बिन्दुओं पर विचार कर लोगो तक पहुंचाने का मंथन हुआ –
1.पांच से कम बच्चे पैदा करने वाले व्यक्ति को सच्चा हिन्दू न माना जाए।
2.पाकिस्तान को शत्रु व आतंकवादी देश घोषित करने के लिये सभी संतो के रक्त से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाये।
3.जातीय वैमनस्यता को खत्म करने के लिये देश के सभी प्रमुख नगरों में हिन्दुओ की सभी 36 बिरादरियों की पंचायत और सहभोज आयोजित करे संत समाज जिसकी शुरुआत हिन्दुओ की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार से की जाए।
4.सभी सन्त अपने आश्रमो और मंदिरों में गुरुकुल और अखाड़े शुरू करें जिससे हिन्दू मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बने और उन्हें सही संस्कार मिले ।
5.मुस्लिम जिहादियों द्वारा किये जा रहे लव जिहाद और रेप जिहाद को समाप्त करने के लिये सरकार के भरोसे न रहकर अपनी शक्ति खड़ी करे हिन्दू समाज ।
धर्म संसद में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी अनुभूतानंद गिरी जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरी जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी नवलकिशोरदास जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी निलिमानंद जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी रामनरेशदास जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी बालेश्वर दास जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी कंचन गिरी जी महाराज, स्वामी भोला गिरी जी महाराज, स्वामी श्री श्री भगवान जी महाराज, श्री महंत स्वामी रामा पूरी जी महाराज, महंत सतीशदास जी महाराज तथा अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे ।
सुन्दर कुमार ( प्रधान सम्पादक )