जानिये शिव खोडी धाम ……जहां विराजमान है सभी देवी देवता पिण्डी रूप में
जम्मू कश्मीर में अनेकों तीर्थ स्थान हैं जो अपनी विशेषता और भक्ति भाव से ओत –प्रोत होने के कारण दूर दूर तक विख्यात हैं | जैसे श्री वैष्णो देवी ,श्री अमरनाथ जी ,शंकराचार्य मंदिर ,श्री नगर सुकराला माता,बाबा धनसर ,नौ देवियाँ आदि, इनमे से शिव खोडी का अलग ही महत्त्व है |
धर्म यात्रा में हम इस बार आपको शिव खोडी के बारे में बतायेंगे जहां बाबा भोलेनाथ के परिवार के साथ साथ माँ काली और शेषनाग भी पिण्डी रूप में विराजमान हैं |
शिव खोडी कटरा से लगभग 79 किलोमीटर दूर रन्सू नामक स्थान पर है | यहाँ पहुँचने के लिए यात्री ज्यादातर कटरा से बस अथवा अन्य छोटे वाहनों के द्वारा पहुँच सकते हैं | रास्ते में चिनाब नदी आती है जिसके ऊपर काफी लम्बा पुल बना हुआ है | यह पुल सामरिक दृष्टी से काफी महत्वपूर्ण है इसलिए इसपर 24 घंटे सैनिको का पहरा रहता है यही पुल एकमात्र सड़क मार्ग है इस स्थान से लगभग 22 किलोमीटर आगे पौनी नामक स्थान आता है पौनी यात्रा का मुख्य पड़ाव है |
पौनी से बारख और बारख से कंडा जाना होता है कंडा से शिव खोडी धाम की दूरी 6 किलोमीटर रहती है दूर से ही पहाड़ों की छटा देखकर मन मुग्ध हो जाता है | दोनों तरफ पहाड़ियों से घिरे रास्ते पर चलने से मन प्रसन्नता से खिल उठता है | पक्षियों के कलरव और ऊँचे ऊँचे चीड ,सांगवान के वृक्षों को देखकर ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग के द्रश्य देख रहे हों |
शिव खोडी धाम की यात्रा करने से पहले यात्रियों को अपने पास टार्च, बरसाती, जूते आदि सामान रखने चाहिए सर्दियों में अगर यात्रा कर रहे हो तो सर्दी से बचाव के तमाम कपडे और सामान अपने पास रखने चाहिए | पहाड़ी इलाका होने के कारण बारिश की संभावना ज्यादा रहती है | खड़ी चढ़ाई करने के लिए आपको मजबूत होंसले और मन में भोलेनाथ के दर्शनों की लालसा अवश्य रखनी चाहिए | अगर आप पैदल न चल सके तो गुफा तक पहुँचने के लिए आप पालकी और घोड़ों की सहायता ले सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको 300 से लेकर 1000 रूपये तक खर्च करने होंगे | किराया समयानुसार कम या ज्यादा हो सकता है |
रन्सू से चलने पर एक पुल आता है यह पुल नदी पर बना है इस नदी को दूध गंगा कहते हैं क्योकि इसका जल दूध की तरह सफ़ेद तथा स्वच्छ होता है | पुल पार करने के बाद अंजनी कुण्ड आता है इस कुण्ड के पास ही भोलेनाथ की सवारी नंदी बैल के पैरों के निशान हैं ऐसी मान्यता है कि नंदी बैल यहाँ प्रतिदिन पानी पीने आते थे | यहाँ पानी इतना साफ़ है कि पानी में तैरती मछलियां साफ़ देखी जा सकती हैं |
यहाँ से एक किलोमीटर आगे चलने के बाद पुनः एक लोहे का पुल आता है ये दोनों पुल जम्मू कश्मीर टूरिज्म डेव्लपमेंट कारपोरेशन के द्वारा बनवाये गये हैं | पुल पार करते ही एक बड़ा सा मंदिर आता है इस स्थान को नावनी कहा जाता है यहाँ शिवरात्रि के दिन विशाल भंडारे का आयोजन होता है शिवरात्री के समय दूर दूर से लोग लंगर लगाने के लिए आते हैं |आगे चलने पर लक्ष्मी गणेश का मंदिर आता है इस मंदिर के अन्दर एक छोटी सी गुफा है जिसमे लक्ष्मी गणेश की प्राचीन मूर्तियाँ हैं थोडा आगे चलने पर जम्मू कश्मीर टूरिज्म कारपोरेशन की ओर से बनवाया गया अतिथी गृह आता है यहाँ ठहरने की सुविधा उपलब्ध है इसके आगे चलने पर शिव खोडी धाम की चढ़ाई शुरू हो जाती है यहाँ से शिव गुफा लगभग एक किलोमीटर रह जाती है आधा किलोमीटर चढाई करने के बाद कुछ दुकाने हैं | जहां से भोलेनाथ की आराधना के लिए प्रसाद,बिल्वपत्र आदि लेते हैं |
प्रसाद की दुकानों से प्रसाद लेकर थोड़ी दूर चलने के बाद गुफा के दर्शन होते है |सामने ही हवन कुण्ड है जिसकी राख को भक्तजन अपने माथे पर लगाते हैं और कुछ लोग प्रसाद स्वरुप अपने घर ले जाते हैं हवनकुण्ड से आगे की ओर चलने पर गुफा में जाने के लिए सीडियां चढ़नी पड़ती हैं गुफा के प्रवेश द्वार पर जम्मू कश्मीर की सुरक्षा चौकी है यहा यात्रियों को सुरक्षा के चेकिंग करानी होती है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके गुफा में ओक्सीजन की कमी होती है इसलिए गुफा में धुप या अगरबत्ती ले जाने की मनाही है |
गुफा का प्रवेशद्वार 15 से 20 फुट चौड़ा है और 20 से 22 फुट ऊँचा है | गुफा में आगे बढ़ने पर तंग रास्ता आता है गुफा 100 मीटर लम्बी है गुफा में प्रवेश करते ही सामने शेषनाग के दर्शन होते हैं | सामने लगभग ढाई फुट ऊँचा शिवलिंग है शिवलिंग के बायीं ओर माता पार्वती के साथ ही गौरी कुण्ड के सामने ऊपर कार्तिकेय जी हैं तथा उनके कुछ ऊपर पंचमुखी गणेश जी विराजमान हैं उनके साथ छोटी छोटी पिंडियों के रूप में सभी देवी देवता भी विराजमान हैं शिवलिंग के ठीक ऊपर कामधेनु गाय है जिसके थन से बूंद बूंद जल निकलकर शिवलिंग पर निरन्तर गिरता है शिवलिंग के बायीं तरफ सम्पूर्ण दरबार देखने को मिलता है यह पर त्रिशूल ॐ और छ मुखी शेषनाग नज़र आते हैं इस गुफा में महाकाली के भी दर्शन हो जाते है जिनके खप्पर से हमेशा जल निकलता रहता है वही आश्चर्य के रूप में भगवान् शिव की छात्ती पर माँ काली के पैर स्पस्ट रूप से देखे जा सकते हैं पुजारी ने हमे बताया कि यही इस पवित्र गुफा से एक रास्ता अमरनाथ जी की ओर भी जाता है इसलिए कहा जाता है कि जो कोई व्यक्ति जम्मू जाए और शिव खोडी धाम के दर्शन न करे तो समझो उसने प्रथ्वी के एक अद्भुत और भक्तिमय दार्शनिक स्थल को देखने का मौका गँवा दिया और उसने भगवान् भोलेनाथ के दर्शन के एक मनोहारी द्र्श्य को देखने से अपनी आँखों को महरूम कर दिया |
सुन्दर कुमार ( प्रधान संपादक )