फाल्गुन मास महाशिवरात्रि व्रत पर्व और मुहूर्त
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन माता पार्वती तथा भगवान शिव का विवाह हुआ था।
इस वर्ष महाशिवरात्रि दिनांक 04 मार्च दिन सोमवार को है। भगवान शिव पिता हैं। माता पार्वती जगत माता हैं। इस महापर्व का सोमवार का पड़ना एक बड़ा सुखद संयोग है। श्रवण नक्षत्र तथा सोमवार का बन रहा है जो कि बहुत ही शुभ संयोग है।
इस वर्ष शिवरात्रि का पावन पर्व श्रवण नक्षत्र में पड़ रहा है। श्रवण का स्वामी चंद्रमा होता है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी है। चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर सुशोभित होते हैं। इस दिन सोमवार भी है। इस प्रकार यह तीन महासंयोग अद्भुत है जो कि बहुत ही मुश्किल से मिलता है। इस प्रकार इस वर्ष यह महापर्व बहुत ही शुभकारी और मंगलकारी है।
महाशिवरात्रि 2019 का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त शुरू – शाम 04:28, 4 मार्च 2019
शुभ मुहूर्त समाप्त – 07:07, 5 मार्च 2019
जहां तक शुभ मुहूर्त की बात है तो इस दिन जबसे शिवरात्रि आरम्भ होती है और समाप्त होने तक दिन रात शिव पूजा कर सकते हैं। यह बात वैदिक और पौराणिक है। इसमें विशेष मुहूर्त में हम अभिजीत, अमृत काल या विजय मुहूर्त को शामिल कर सकते हैं। यहां तक कि राहुकाल के समय भी भगवान का अभिषेक शिवरात्रि में होता है।
द्रव्यों से करें रुद्राभिषेक-
1- गाय के दुग्ध से रुद्राभिषेक करने से संपन्नता आती है तथा मन में की गई मनोकामना पूर्ण होती है।
2- जो लोग रोग से पीड़ित हैं तथा प्रायः अस्वस्थ रहते हैं या किसी गंभीर महा बीमारी से परेशान हैं उनको कुशोदक से रुद्राभिषेक करना चाहिए। कुश को पीसकर गंगा जल में मिला लीजिए फिर भगवान शिव का नियम तथा श्रद्धा पूर्वक रुद्राभिषेक करें।
3- धन प्राप्ति के लिए देसी घी से रुद्राभिषेक करें।
4- निर्विध्न रूप से किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए तीर्थ स्थान के नदियों के जल से रुद्राभिषेक करें। इससे भक्ति भी प्राप्त होती है।
5- गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने से कार्य बाधाएं समाप्त होती हैं तथा वैभव और सम्पन्नता में वृद्धि होती है।
6- शहद से रुद्राभिषेक करने से जीवन के दुख समाप्त होते हैं तथा खुशियां आती हैं।
7- किसी शिव मंदिर में शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें या घर पर ही पार्थिव का शिवलिंग बनाकर रुद्राभिषेक करें।
आचार्य दीपक तेजस्वी