जानिये सकारात्मक और नकारात्मक ‘स्वस्तिक’ का भेद
स्पेन – आज अनेक जालस्थानों के माध्यम से मूल ‘हिन्दू स्वस्तिक’ चिह्न तथा ‘नाजी स्वस्तिक’ चिह्न में भेद स्पष्ट करने
पूरा पढेंस्पेन – आज अनेक जालस्थानों के माध्यम से मूल ‘हिन्दू स्वस्तिक’ चिह्न तथा ‘नाजी स्वस्तिक’ चिह्न में भेद स्पष्ट करने
पूरा पढेंश्रीहनुमानजी का चरित्र सेवा और आत्मसमर्पण का प्रत्यक्ष रूप हैं। वाल्मिकी रामायण के अनुशीलन से जान पडता हैं कि हनुमानजी
पूरा पढेंमानव जीवन विचित्रताओं का भण्डार है। इन विचित्रताओं को देखकर आश्चर्य में डूब जाना पड़ता है। ऐसी अनकों अनबुझ पहेलियां
पूरा पढेंकम्पवात का अर्थ है शरीर के किसी भी भाग में अपने आप ही कम्पन शुरू हो जाना। यह रोग अक्सर
पूरा पढेंतिथि कुछ पंचांगों के अनुसार हनुमान जन्म तिथि कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी है, तो कुछ चैत्र पूर्णिमा बताते हैं ।
पूरा पढें‘सरकार की ओर से मंदिरों का होनेवाला सरकारीकरण और सरकार अधिगृहीत मंदिरों की कुव्यवस्था पर तीव्र अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए
पूरा पढेंलीलावती अपने पिता से पूछती है कि पिताजी, मुझे तो पृथ्वी चारों ओर सपाट दिखाई देती है, फिर आप यह
पूरा पढेंत्रयः उपस्तम्भाः । आहारः स्वप्नो ब्रह्मचर्यं च सति ।” शरीर रुपी मकान को धारण करनेवाले तीन स्तंभ हैं: आहार, निद्रा
पूरा पढेंशोकस्थान सहस्राणि हर्ष स्थानि शतानि च | दिवसे दिवसे मूढ़माविशन्ति न पंडितम || अर्थात – मूर्ख मनुष्य को ही प्रतिदिन
पूरा पढेंनव वर्ष आरम्भ-वर्ष गणना की भारत में २ पद्धति हैं। दिनों की क्रमागत गणना के अनुसार दिन (सूर्योदय से आगामी
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